कोरबा (न्यूज इंडिया36)। मैं कैंसर का मरीज हूं और मेरे शरीर में चार ग्राम खून ही बाकी है। डाक्टर ने तत्काल रक्त चढाने की सलाह दी है। जिला चिकित्सालय की पैथोलाजी लैब में रक्तजांच के लिए सेंपल दिया पर उन्होंने रिपोर्ट 24 घंटे बाद मिलने की बात कही। अगर जल्दी हो तो बाहर से जांच करा लेने के लिए कहा गया। मेरी गंभीर बीमारी को देखते हुए जांच रिपोर्ट समय पर जारी करते हुए ए-पाजिटिव रक्त उपलबध कराने के लिए आदेशित करने की कृपा करें।
जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे एक मरीज ने अपने साथ हुई संवेदनहीनता की यह कहानी कलेक्टर को लिखे अपने पत्र में लिखी है। पत्र में मरीज ने किसी प्रकार की शिकायत नहीं की है, बल्कि समुचित उपचार की कार्रवाई में आ रही परेशानी को दूर करने मदद की गुहार लगाई है। पत्र के अनुसार बिलासपुर में संकरी के पास स्थित ग्राम जोगी में रहने वाले श्रीराम तिवारी (42) पिता स्व गोविंद प्रसाद तिवारी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। वर्तमान में उनके शरीर में मात्र चार ग्राम खून शेष रह गया है, इसलिए डाक्टर ने तत्काल रक्त चढाने का परामर्श दिया है। वर्तमान में वे जिला चिकित्सालय में भर्ती हैं। रक्त चढाने की जरूरत को देखते हुए श्रीराम ने रक्त जांच के लिए दो मार्च को जिला अस्पताल के पैथोलाजी लैब में सेंपल दिया और यथाशीघ्र जांच रिपोर्ट प्रदान करने का आग्रह किया, ताकि उनके ग्रुप का रक्त (ए-पाजिटिव) के लिए ब्लड बैंक या रक्तदाता की व्यवस्था कर रक्त चढाने की प्रक्रिया पूर्ण की जा सके। कलेक्टर को लिखे पत्र में यह बताया गया है कि मरीज की मंशा के विपरीत पैथोलाजी विभाग के कर्मियों ने न केवल रक्त जांच की रिपोर्ट कुछ देर में या उसी दिन जारी करने की बजाय अगले दिन देने की बात कहते हुए उन्हें चलता कर दिया। अपनी बीमारी, रक्त की कमी व तत्काल रक्त चढाने की जरूरत से अवगत कराने पर सहायता करने की बजाय उन्हें यहां तक कह दिया गया कि अगर ब्लड टेस्ट की जल्दी हो तो बाहर जाकर करा लें। श्रीराम का कहना है कि बहुत बार विनती करने के बाद भी कोई फायदा न हुआ ,इसीलिए मजबूर होकर उन्हें कलेक्टर के पास सहायता के लिए गुहार लगानी पडी।मोहम्मद इस्तीखार ने श्रीराम को दिया रक्त04र्-1ि6-कोरबा। मरीज श्रीराम के लिए रक्तदान करते मोहम्मद इस्तीखार।
स्वास्थ्य संबंधी परामर्श एवं सहायता के लिए कार्यरत फ्री हेल्प सेंटर के स्वयंसेवी जफर अली के माध्यम से कैंसर से जूझ रहे इस मरीज के बारे में जानकारी अनेक लोगों तक पहुंची। उन्हें ए-पाजिटिव रक्त की जरूरत के बारे में भी पता चला। यह सूचना मिलने पर जफर से जुडे टीपीनगर में रहने वाले युवा मोहम्मद इस्तीखार श्रीराम तिवारी के लिए रक्तदान करने जिला अस्पताल पहुंचे। इस तरह उन्होंने रक्त देकर उनके जीवन के लिए अपना योगदान सुनिश्चित किया।
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