छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट |
स्मार्ट सिटी के वकीलों ने स्थगन हटाने की मांग की
चीफ जस्टिस अरूप गोस्वामी और जस्टिस एनके चन्द्रवंशी की डिवीजन बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान स्मार्ट सिटी लिमिटेड के वकीलों ने याचिका पर दिए गए स्थगन आदेश हटाने और अंतिम सुनवाई करने की मांग की। इस दौरान डिवीजन बेंच ने नगर निगम के सामान्य सभा और मेयर इन कौंसिल को पूर्व में पक्ष रखने के लिए कहा गया था। लेकिन, विधिवत नोटिस जारी नहीं की गई थी। इस पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर उन्हें पक्ष रखने कहा है।
निगम की अनुमति पर काम कर सकती है कंपनी
केंद्र सरकार की ओर से इस याचिका के जवाब में यह माना गया कि ये स्मार्ट सिटी कंपनियां उन्हीं कार्यों को कर सकती है, जिसकी अनुमति नगर निगम से ली गई है। साथ ही इन कंपनियों के निदेशक मंडल में राज्य सरकार और नगर निगम के बराबर-बराबर प्रतिनिधि होने चाहिए। वर्तमान में इन दोनों कंपनियों के 12 सदस्यीय निदेशक मंडल में नगर निगम आयुक्त के अलावा कोई भी नगर निगम का प्रतिनिधि नहीं है। इसके विपरीत स्मार्ट सिटी कंपनियों की ओर से उन्हें स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अधिकारिता की दलील दी जा रही है।
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