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कटघोरा : बीएमओ रुद्रपाल सिंह कंवर को बचाने छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन के बैनर तले आंदोलन जारी... लेकिन पाली बीएमओ के लिए आंदोलन क्यों नही

स्वास्थ्य केंद्र कटघोरा में सर्पदंश से दो लोगों के मौत का जिम्मेदार कौन ? जिलाधीश के कार्यवाही को स्वास्थ्य विभाग कटघोरा दिखा रहे ठेंगा।



कटघोरा : -  छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन संघ कोरबा के लेटर पैड से चार सूत्र अभियान को लेकर आंदोलन का घोषणा किया गया है।


जिसमें पहला दिवस 29/7/2024 को काली पट्टी लगाकर समस्त अधिकारी कर्मचारी द्वारा कार्य संपादित किया जाएगा। दूसरा दिन दिनांक 01/08/2024 को एकदिवसीय सामूहिक अवकाश, दिनांक 2/8/2024 जिला मुख्यालय में सामूहिक धरना प्रदर्शन, दिनांक 5/8/2024 को अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा। सबसे बड़ा सवाल पाली के खंड स्वास्थ्य अधिकारी को भी हटाया गया है...? लेकिन उसके लिए छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन कोई आंदोलन नहीं कर रहा है। न ही कोई कर्मचारी अधिकारी उनके साथ खड़ा है। मतलब एक जिले में दो-दो खंड स्वास्थ्य अधिकारी को हटाया गया है लेकिन कटघोरा खंड स्वास्थ्य अधिकारी के लिए इतना उग्र आंदोलन क्यों...? यहां यह बताना लाजिमी होगा कि कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बैठक के दौरान जिला के स्वास्थ्य अधिकारी व जिला कलेक्टर साहब को अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग पुरुष एमपीडब्ल्यू सुंदर पटेल जैसे लोग कर रहे थे। जो ड्यटी कम करता है स्वयं का मेडिकल में ज्यादा बैठता है।


हमारे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जितने भी आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं उनका अन्य व्यापार व्यवसाय हैं तथा उन्हें पूर्व खंड चिकित्सा अधिकारी से विशेष प्रकार का छूट मिला हुआ है। बहुत सारे अधिकारी कर्मचारी अटैच करवा कर काम कर रहे हैं।


कितने ऐसे कर्मचारी है जो स्वयं का क्लीनिक खोल कर बैठे है है। यदि कटघोरा खंड चिकित्सालय में नया स्वास्थ्य अधिकारी कार्य करता है। तो इन लोगों का दुकानदारी बंद हो जाएगा। इसी वजह से इन लोग बचाने के लिए मेहनत कर रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य बाबू पैकरा जी को हटाकर उसके जगह पर मन्नू पाल कंवर कुंडली मारकर काबिज है। जिसके द्वारा ऑफिशियल ग्रुप में भड़काऊ शब्दों का प्रयोग कर उकसाने का कार्य किया गया है। साथ ही साथ यह बताना लाजिमी होगा कि जिस हिसाब से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अधिकारियों द्वारा जो कदम उठाया जा रहा है। उससे यह लग रहा है कि बलौदा बाजार जैसे घटना की पुनरावृति ना हो। शासन को इस पर कड़ी में बड़ी मुस्तैद रहने की आवश्यकता है। अभी कोरबा जिला में मलेरिया महामारी फैली हुई है। ऐसे मैं किसके आदेश से अधिकारी कर्मचारी की बैठक ली गई। बैठक लेने का प्रयोजन क्या था? सभी स्वास्थ कर्मी किसके आदेश से मुख्यालय छोड़ कर रविवार को बैठक में शामिल हुए। 

मेडिकल ऑफिसर, सभी ग्रामीण स्वास्थ्य सहायक, बी पी एम, बी.ई.टी.ओ, एनआरसी स्टाफ, सुपर वाइजर, एल एच वी, सी एच सी कार्यालय समस्त कर्मचारी स्टाफ नर्स, सी एच ओ आर एच ओ, 2 ए एन एम, सफाई कर्मचारी आदि को शामिल किया गया था। कितनों कर्मचारियों को मालूम ही नही था किस विषय पर बैठक में बुलाया गया था। विगत दिनों पहले सर्पदंश से मृतक परिवार के आक्रोश फूट पड़ा था, और कटघोरा-कोरबा-अंबिकापुर मुख्य मार्ग में शहीद की वीरनारायण चौक पर चक्काजाम कर जमकर प्रदर्शन किया गया। 


जिसकी वजह से लगभग 3 घंटे तक आवागमन पूरी तरह से ठप रहा। रोहित चौबे अपनी पत्नी अनामिका चौबे, और दो पुत्र आयुष 4 वर्ष व रितिक चौबे के साथ रात को घर पर सोए हुए थे। इस दौरान 22 जुलाई की तड़के लगभग 4 बजे किसी जहरीले सर्प ने रोहित चौबे के गर्दन को और उसकी पत्नी अनामिका चौबे के हाथ को डस लिया। जिसके बाद सर्प ने पड़ोस में निवासरत फैजल खान को भी अपना शिकार बनाया। इस घटना में दो युवकों की मौत हो गई है जबकि विवाहिता को गंभीर अवस्था में शहर के निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया था। कटघोरा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज में लापरवाही की गई। जिससे उन दोनो की मौत हो गई, जिसे लेकर परिजनों के आंदोलन से रुद्रपाल सिंह को हटाने की मांग की थी, जनहित को ध्यान में रखते हुए संवेदनशील कलेक्टर अजीत वसंत जी ने तत्काल कटघोरा से बीएमओ को हटा दिया, इस निर्णय का स्वास्थ कर्मियों ने विरोध जताया है। 


संघ ने डॉ रुद्रपाल को बीएमओ बनाए रखने की मांग की है। स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि बिना कुछ उचित कारण डॉ. रूद्रपाल को हटाया जाना ठीक नहीं है। स्वास्थ्य कर्मियों ने इसे मनोबल को हतोत्साहित करने वाला कदम बताया है। बीएमओ रुद्रपाल को पद से हटाए जाने के बाद रविवार को कटघोरा में छग स्वास्थ्यकर्मी फेडरेशन की बैठक हुई।

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